ठोकरें खाता हूँ पर #शान से चलता हूँ
मैं खुल्ले #आसमान के नीचे
सीना तान कर चलता हूँ
मुश्किलें तो साज है #जिंदगी की आने दो उठुंगा गिरूंगा फिर उठुंगा और आखिर में #जीत लूंगा
#महाकाल के भक्त कभी हार नहीं मान
सकते बस ये ठान कर चलता हूँ...
मैं खुल्ले #आसमान के नीचे
सीना तान कर चलता हूँ
मुश्किलें तो साज है #जिंदगी की आने दो उठुंगा गिरूंगा फिर उठुंगा और आखिर में #जीत लूंगा
#महाकाल के भक्त कभी हार नहीं मान
सकते बस ये ठान कर चलता हूँ...
नित्य हूँ निरन्तर हूँ
शान्ति रूप मैं शंकर हूँ
भक्त हूँ भगवान हूँ
शक्तिपती शक्तिमान हूँ
जगत का आधार हूँ
निराकार मैं साकार हूँ
जीवन उमंग का गान हूँ
रूद्र हूँ महाकाल हूँ
मृत्यु रूप विकराल हूँ
नित्य हूँ निरन्तर हूँ
शान्ति रूप मैं शंकर हूँ
!! ॐ नमः शिवाय !!
!! जय_श्री_महाकाल !!
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